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Wednesday, November 18, 2020

देश-विदेश में नववर्ष मनाने की अलग-अलग तिथियाँ व परंपराएँ

देश-विदेश में नववर्ष मनाने की अलग-अलग तिथियाँ व परम्पराएँ
  ●●●भारत में नववर्ष मनाने की तिथियाँ व परम्पराएँ●●●

 वैसे तो पूरी दुनिया एक जनवरी को नए साल का उत्सव मनाती है फिर भी अलग-अलग क्षेत्रों के लोग अपने नए वर्ष की शुरुआत अलग-अलग तिथियों व तारीखों से करते हैं । भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक सूर्य या चंद्र पर आधारित कलेंडर के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ विशेष तिथियों पर नववर्ष मनाया जाता है, जैसे -- 

● --हिन्दू नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है ।
●-- तेलगु नववर्ष की शुरुआत भी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मानी जाती है ।इस नववर्ष को (उगादि = युग+आदि) कहा जाता है अर्थात नए युग की शुरुआत ।

●-- मराठी और कोंकणी संस्कृति में नववर्ष 'गुड़ी पड़वा' के रूप में नवरात्रि की प्रतिपदा को मनाया जाता है ।गुड़ी अर्थात पीला वस्त्र , जिसे घर के मुख्य द्वार पर दाईं ओर बाँस के ऊपरी हिस्से पर ताँबे का उलटा लोटा रखकर उस पर फूलों की माला पहनाकर लटकाया जाता है ।यह पर्व विजयोत्सव का भी प्रतीक है ।सिंधी भी नववर्ष  ' चेतीचाँद '  के रूप में इसी दिन मनाते हैं ।

●-- पंजाबियों में नववर्ष  ' बैशाखी ' के रूप में 13 अप्रैल को मनाया जाता है ।यह पंजाब और हरियाणा में फसल कटाई का सबसे बड़ा पर्व है ।यह दिन रबी की फसल कटने की खुशी का प्रतीक भी है ।इस दिन किसान सर्दियों की फसल काट लेने के बाद नए साल की खुशियाँ मनाते हैं ।

इसी दिन 13 अप्रैल, 1699 के दिन सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की शुरुआत की थी ।इसीलिए सिख इस त्यौहार को सामूहिक जन्मदिवस के रूप में भी मनाते हैं ।

●-- तमिल नववर्ष  'पुथांडु' के नाम से अपना नववर्ष मनाते हैं ।तमिल कलेंडर का पहला महीना 13 या 14 अप्रैल को चिथिराई से शुरू होता है ।इस दिन तमिल लोग आपस में एकदूसरे को 'पुथांडु बजथुकाल '   कहते हैं जिसका अर्थ है-- नववर्ष मुबारक हो। तमिल परिवार के लोग इस दिन मीनाक्षी मन्दिर में पूजा कर मंगल पचाड़ी बनाते हैं, जो कच्चे आम, गुड़ और मीन के फूलों से बनाई जाती है ।

●--असम में नया साल  'बोहाग बीहू' के नाम से मनाया जाता है ।अप्रैल के मध्य में जब नई खेती के मौसम की शुरुआत होती है , तब बोहाग बीहू यानी नए साल की शुरुआत होती है ।असम में साल में तीन बार बोहाग बीहू मनाया जाता है ।

● -- बंगाल में नववर्ष  'पोहेला बोएशाख' के नाम से मनाया जाता है ।यह भी अप्रैल के बीच में यानी 14 या 15 अप्रैल को आता है ।बंगाल के अलावा अन्य पहाड़ी क्षेत्रों जैसे --- त्रिपुरा आदि में भी नववर्ष  पोहेला बोएशाख के रूप में मनाया जाता है ।

● -- गुजराती लोग दीपावली के दूसरे दिन नववर्ष मनाते हैं, इस दिन गुजराती लोग आपस में एक दूसरे को 'साल मुबारक'  कहकर नववर्ष की शुभकामनाएँ प्रदान करते हैं ।

● --  मलयालम में नववर्ष ग्रेगरी कलेंडर के अनुसार 14 अप्रैल को विशु पर्व के रूप में मनाया जाता है ।विशु पर्व पर विशुकन्नी यानी सुबह-सुबह किसी पहली चीज को देखने का विशेष महत्व है ।
● --  सिक्किम में नववर्ष दिसंबर से शुरू होता है ।दिसंबर में यहाँ फसलों की कटाई होती है ।इस पर्व पर सिक्किम लोग छम नृत्य करते हैं ।

● --- कश्मीर में नववर्ष, चंद्र आधारित कलेंडर के अनुसार-- नवरेह को नए साल के रूप में मनाते हैं ।यहाँ चैत्र नवरात्र के अवसर पर यह पर्व शुरु होता है ।

● --     इस्लाम में नववर्ष हिजरी कलैंडर के अनुसार--'मुहर्रम' के दिन मनाया जाता है।यह दिन नए वर्षगाँठ का पहला दिन होता है। हिजरी कलैंडर पूर्णतया चंद्रमा पर आधारित है, जो हर साल अलग-अलग तारीखों पर शुरु होता है ।

● -- हिन्दू शास्त्रों के अनुसार नया वर्ष शुरू करने का अधिकार उसी राजा का होता था, जिसके राज्य में किसी भी व्यक्ति का कोई ऋण बकाया न हो ।आज से 2066 साल पहले उज्जैन नरेश विक्रमादित्य ने अपने राजकोष से प्रत्येक व्यक्ति का ऋण मुक्त करके इस संवत् की शुरुआत की थी 

●●●विदेशों में नववर्ष मनाने की  तिथियाँ व परम्पराएँ●●●

विदेशों में भी नववर्ष मनाने की तिथियाँ व परम्पराएँ अलग-अलग हैं ।
● -- ईरान में नववर्ष को नौरोज का पर्व कहा जाता है ।वहाँ यह मार्च के महीने में मनाया जाता है ।इस अवसर पर परिवार के सभी लोग एक बड़ी मेज के पास एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं ।प्रार्थना के पश्चात एक प्रीतभोज आयोजित किया जाता है, इसके पश्चात लोग आपस में गले मिलते हैं और रात्रि में घर  को दीपों से सजाते हैं ।

● -- ईसाई धर्म में एक जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है, लेकिन इसके आगमन की तैयारी की शुरुआत दिसंबर के अंतिम सप्ताह से ही आरंभ हो जाती है ।

● -- पहले जापान में नववर्ष का त्यौहार एक फरवरी को मनाया जाता था, इस दिन लोग सूर्यदेव की पूजा-आराधना किया करते थे, लेकिन जब से जापान में नई क्रांति आई , तब से एक जनवरी को ही लोग नववर्ष मनाने लगे हैं ।

● -- वर्मा में नववर्ष को 'तिजान' कहा जाता है ।इस दिन यहाँ सभी लोग एक दूसरे पर होली के त्यौहार की तरह रंग डालते हैं ।रात्रि को पूजा करने के बाद एक दूसरे को उपहार दिए जाते हैं ।इस अवसर पर लोग अपने घरों को सजाते हैं ।आधी रात तक प्रीतिभोज करते हैं और रात्रि 12 बजे के बाद खूब आतिशबाजी करते हैं ।

● -- थाइलैंड में नववर्ष  'महासुंग कर्ण'  के नाम से मनाया जाता है ।यह पर्व अप्रैल में मनाया जाता है ।इस दिन थाई लोग पक्षियों को पिंजरे से मुक्त करना, मछलियों को पानी में छोड़ना , दाना देना और घरों की साफ-सफाई करना शुभ मानते हैं ।इस दिन थाई लोग बाजारों से नए वस्त्र खरीदते हैं ।

● -- फ्रांस में नववर्ष की शुरुआत से पहले 31 दिसम्बर की रात्रि को एक घंटा बजाया जाता है और फिर नववर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है ।इस दिन सामूहिक विवाह का भी आयोजन किया जाता है ।स्पेन में 12 अंगूर रात्रि के 12 बजे खाना शुभ माना जाता है ।

● --  येरूशलम में नववर्ष का उत्सव शरद ऋतु के आरंभ का उत्सव है ।इस अवसर पर पूजा-अर्चना भी की जाती है ।लोगों का ऐसा मानना है कि नववर्ष के प्रथम दिवस पर ही मनुष्य पहली बार स्वर्ग से धरती पर आया था ।

● -- इंग्लैंड में नववर्ष के दिन लोग गुजरे वर्ष को भगाने के लिए झाड़ू लेकर घर में प्रवेश करते हैं और बड़े स्तर पर घरों की सफाई करते हैं ।इस दिन चर्च को बड़े स्तर पर सजाया जाता है ।लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और बड़ी-बड़ी पार्टियों का आयोजन करते हैं ।

● -- दक्षिण अफ्रीका की जुलू जनजाति में नववर्ष के उपलक्ष में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है ।

● -- कोरिया में नववर्ष का उत्सव फरवरी में मनाया जाता है ।इस अवसर पर बच्चों को चौगेरी पहनाई जाती है ।चौगेरी कई प्रकार के रंगीन कपडों को लेकर बनाई जाती है ।सभी लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं और युवा लोग बड़े-बूढों के संग नाचते हैं ।

● -- इटली में नववर्ष के अवसर पर रंग-बिरंगे फूलों के पौधे लगाते हैं , ताकि पर्यावरण साफ-सुथरा रहे ।कई जगहों पर नववर्ष पर दरवाजे के ऊपर मोरपंखों की टहनी लटकाते हैं, जो शुभ और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है ।सभी युरोपीय देशों में, जैसे , इटली, पुर्तगाल, नीदरलैंड व अन्य देशों में परिवार के लोग इकट्ठे होकर चर्च जाकर वहाँ सेवा कार्य में भी सम्मिलित होते हैं ।

● -- लंदन में नववर्ष की पूर्वसंध्या पर रात्रि के ठीक बारह बजे एक तोप का गोला दागा जाता है ।तोप के गोले के साथ ही लोग रंगीन टोपियाँ पहनकर घरों के बाहर निकल आते हैं और अपने मित्रों को उपहार और बधाइयाँ देना शुरु करते हैं और यह सिलसिला सारी रात चलता हे ।

● -- नववर्ष में मध्य यूरोप के बाल्कन इलाके में लोग नए साल की पहली किरण आने से पहले अपने घर और आँगन को ताजे पानी से अच्छी तरह धोते हैं या पवित्र जल का छिड़काव करते हैं ।इस तरह आने वाले वर्ष का स्वागत करते हैं ।

● -- इस्लामिक देश मोरक्को में भी साल की शुरुआत में लोग घरों की सफाई करते हैं ।

● -- मैडागास्कर के लोग नए साल के पहले दिन अपने ऊपर पानी की धार उढ़ेलते हैं ।पवित्र नदियों व सरोवरों के जल को सिर पर धार बनाकर डालते हैं, जो इस बात का प्रतीक होता है कि पुराना सब कुछ धुल गया और अब नया शुरु होगा ।

● -- चीन में नए साल पर कई दिनों की छुट्टियाँ होती हैं ।इन छुट्टियों में महिलाएँ नए-नए पकवान बनातीं हैं ।बच्चे पटाखे छोड़ते हैं ।लोग एक-दूसरे के घर आते-जाते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं ।

● पूरब के देशों में भी नए साल को मनाने में आमतौर से साफ-सफाई के तौर-तरीकों को प्रमुखता दी जाती है ।पूर्वी गोलार्द्ध के देशों में नए साल के उत्सव में कई जगहों पर लोग नए साल से पहले अपना पूरा कर्ज उतारते हैं और नए साल की शुरुआत बिना कर्ज से करते हैं ।हमारे प्राचीन भारत विक्रम संवत शुरु होने की कहानी भी कुछ यही दर्शाती है ।

इस तरह नववर्ष दुनिया के कोने-कोने में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है लेकिन उद्देश्य सभी का एक ही रहता है कि नववर्ष का अच्छे से स्वागत किया जाए ताके नववर्ष सबके लिए शुभ एवं मंगलकारी हो।

सादर अभिवादन व धन्यवाद ।

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