अक्सर जब हम सो रहे होते हैं तब सपने देखते हैं ।सपने क्यों आते हैं ।सपनों की घटनाओं का ताना-बाना क्या है ? इन सपनों का हमारे वास्तविक जीवन से क्या रिश्ता है ? आज तक हमें इन प्रश्नों के सटीक उत्तर नहीं मिले ।ये एक अबूझ पहेली है , इसकी तह तक, सत्य तक कोई नहीं पहुँच पाया ; क्योंकि जितने लोग हैं, उतनी तरह के सपने हैं ।
जब से इन्सान ने निद्रा लेना शुरू किया है तभी से मनुष्य के जीवन में सपनों का अस्तित्व है ।सपनों में हम अनेक तरह की घटनाएँ देखते हैं, कभी अच्छी कभी बुरी, लेकिन जब नींद खुलती है तब हम वास्तविक जीवन से रूबरू होते हैं, और हम सोचते हैं कि सपने में क्या-क्या देखा, इन सपनों का क्या मतलब है, क्योंकि सपने हमसे जुड़े होते हैं और हमें वे कुछ बताने, कुछ संकेत देने व कुछ दिखाने आते हैं, इसलिए सपनों का भी एक विशेष विज्ञान है।
सपनों से सबका एक अनोखा रिश्ता है ।सभी के सपने अलग-अलग होते हैं ।
●●● मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सपने ●●●
हमारी नींद के चार चरण होते हैं, इनमें सबसे आखिरी चरण रेपिड आई मूवमेंट ( आर ई एम ) है, जिसमें हम सपने देखते हैं ।इस अवस्था में हमारा दिमाग तो सक्रिय होता है, लेकिन शरीर के अवयव सुप्त अवस्था में होते हैं ।
विशेषज्ञों के अनुसार-- हर रात अरबों सपने इस पृथ्वी पर अनुभव किए जाते हैं और औसतन एक व्यक्ति को हर रात तीन से पाँच सपने देखने का अनुभव होता है ।आश्चर्य की बात यह है कि उन सपनों में से हमें महज पाँच प्रतिशत सपने ही हमें याद रहते हैं और बाद में वे पाँच प्रतिशत सपने भी हमारी स्मृति से धूमिल हो जाते हैं ।
कभी-कभी व्यक्ति के सपने बहुत स्पष्ट होते हैं, तो कभी-कभी धुँधले होते हैं ।कभी-कभी कुछ सपने वास्तविक जीवन में घटित भी हो जाते हैं, और कभी-कभी ऐसे सपने दीखते हैं जिनका वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं होता।देखे जाने वाले सपने हर बार कुछ अलग होते हैं ।कुछ सपने लुभावने होते हैं ।
सपने सभी के अलग होते हैं और एक व्यक्ति के सपनों पर दूसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं हो सकता, लेकिन सपनों में देखे जाने वाले कुछ दृश्य व घटनाएँ ऐसी होती हैं ; जिन्हें बहुत लोग अपने सपनों में देखते हैं, जैसे --- अपने संबंधियों को देखना , जल-प्रवाह देखना, बाढ़ देखना, पशु-पक्षियों को देखना, शिवलिंग देखना, साँप देखना , चलती हुई ट्रेन या बस के पीछे भागना आदि ।
विशेषज्ञों का ऐसा कहना और मानना है कि सपनों में हमें जो भी देखने को मिलता है, उसका इस संसार में कहीं-न-कहीं अस्तित्व होता है, भले ही हमें उसके बारे में पता हो या न हो ।सपनों की दुनिया अनंत है, इसका कोई ओर-छोर नहीं है ।दिन हो या रात, यदि व्यक्ति सोता है , तो उसे सपने दिख सकते हैं, लेकिन गहरी नींद में होने पर उसे सपने कम ही दिखते हैं ।
●●● सपनों पर सबसे पहले लिखी किताब ●●●
एक रिपोर्ट के अनुसार--- सपनों पर सबसे पहले किताब मिश्र में लिखी गई, जो हजारों वर्ष पुरानी है ।मेसोपोटामिया में लगभग 5000 वर्ष पूर्व मौजूद सभ्यता ने स्वप्नचिन्हों और उनके अर्थों को मिट्टी की गोलियों पर उकेरा था, जो इस बात का प्रमाण है कि सपने वास्तव में प्राचीन सभ्यता के लिए भी रुचि का विषय रहे हैं ।ज्योतिष में तो सपनों का एक पूरा शास्त्र ही है।
●●● विभिन्न शोधों के अनुसार सपने ●●●
सपनों पर मनोविज्ञान विषय में भी 17वीं शताब्दी से अध्ययन हो रहा है, अरस्तू से लेकर सिग्मंड फ्रायड तक, सबने सपनों को वास्तविक जीवन का संकेत माना है।मनोविज्ञान और ज्योतिष दोनों ही इस बात पर एकमत हैं कि सपने हमारे बारे में बहुत कुछ बताते हैं अंतर सिर्फ इतना है कि मनोविज्ञान सपनों का आंकलन मानसिक व शारीरिक सेहत की दृष्टि से करता है और ज्योतिष अपने संकेतों के आधार पर सपनों का अर्थ समझाता है ।
तंत्रिका विज्ञान की कुछ शोधों ने हाल ही में यह जानने की कोशिश की थी कि हम सपने क्यों देखते हैं और सपनों में दिखने वाला घटनाक्रम कहाँ से उपजता है ? इसमें यह पाया गया कि ज्यादातर सपने हमारी भावनाओं से जुड़े होते हैं ।
●●● चरक संहिता में सपनों के प्रकार ●●●
आयुर्वेद की चरक संहिता में सपनों के सात प्रकार के बताए गए हैं---- दृष्ट, श्रुत, अनुभूत, प्रार्थित, कल्पित, भाविक और दोषज ।इनमें से भाविक सपना भविष्य में होने वाली घटना का संकेत करता है ।
●●● सपनों के बारे में कुछ दिलचस्प बातें ●●●
सपनों के बारे में दिलचस्प बात यह है कि जिसका आईक्यू जितना ज्यादा है, उसे उतने ही ज्यादा सपने आते हैं ।कुछ अध्ययनों से यह पता चला कि कि जानवर भी सोते समय मनुष्यों की तरह ही सपने देखते हैं ।जन्म से दृष्टिहीन लोगों को भी सपने आते हैं, लेकिन उन्हें कोई तस्वीर नहीं दिखती है, बल्कि उनके सपनों में आवाज़, गंध, स्पर्श और भावनाएँ ही आती हैं ।
कुछ सपने ऐसे होते हैं, जो लगभग हर किसी को आते हैं, जैसे -- ऊँचाई से गिरना , किसी चीज के पीछे भागना, हवा में उड़ना आदि।हमारे कुछ सपने ऐसे होते हैं, जिनमें हम अपनी उन इच्छाओं को भी पूरा होता हुआ देखते हैं, जो वास्तविक जीवन में पूरी नहीं हो पाईं हों।
परीक्षा छूट जाना, ट्रेन छूट जाना , ऑफिस के लिए लेट होना, ऊपर से गिरना, उड़ने की असफल कोशिश आदि इस तरह के सपने भी लोगों को आते हैं ।देर होने से सम्बंधित सपनों से यह पता चलता है कि व्यक्ति कुछ पूरा करने का अवसर खो चुका है ।
कभी-कभी हमें कुछ अशुभ सपने भी दिखाई देते हैं ।इन स्वप्नों के निवारण हेतु दान, पूजन, रुद्राभिषेक, प्रार्थना एवं अन्य पुण्य कर्म करते रहना चाहिए ।
सपने हमारे जीवन से इतने जुड़े हुए हैं कि हमारे जीवन में जो घटित होने वाला है , उसका एहसास हमें सपनों में पहले ही होने लगता है।सपनों पर किसी का वश नहीं है फिर भी हमें सदा अपने मन में सकारात्मक विचार रखने चाहिए ।सोते समय प्रभु-स्मरण करना चाहिए ।
सादर अभिवादन व धन्यवाद ।
Nice
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