पार्वती सुत तुम्हें प्रणाम
हे शिव नंदन तुम्हें प्रणाम
मस्तक पर सिंदूरी शोभा
गल मणियों की माल की शोभा
करते शुरू तुमसे सब काम
हे शिव नंदन तुम्हें प्रणाम
हे गजबदन चतुर्भुज धारी
करते तुम मूषक की सवारी
संत तुम्हें पूजें सुबह शाम
हे शिव नंदन तुम्हें प्रणाम
हे शिव नंदन तुम्हें प्रणाम
मस्तक पर सिंदूरी शोभा
गल मणियों की माल की शोभा
करते शुरू तुमसे सब काम
हे शिव नंदन तुम्हें प्रणाम
हे गजबदन चतुर्भुज धारी
करते तुम मूषक की सवारी
संत तुम्हें पूजें सुबह शाम
हे शिव नंदन तुम्हें प्रणाम
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